महिला एकदिवसीय विश्व कप: इतिहास में पहली बार केवल महिला रेफरी पैनल
आगामी महिला एकदिवसीय विश्व कप अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगा। पहली बार, इस टूर्नामेंट में पूरी तरह से महिला अंपायरिंग पैनल शामिल होगा, जो खेल में लैंगिक समानता की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। यह टूर्नामेंट 30 सितंबर से 2 नवंबर तक भारत और श्रीलंका में खेला जाएगा।
आईसीसी ने नौ देशों की चार महिला मुख्य अंपायरों और 14 महिला फील्ड एवं टीवी अंपायरों की नियुक्ति की पुष्टि की है। मैच अधिकारियों में ट्रुडी एंडरसन (न्यूज़ीलैंड), शैंड्रे फ्रिट्ज़ (दक्षिण अफ्रीका), जीएस लक्ष्मी (भारत) और मिशेल परेरा (श्रीलंका) शामिल होंगी।
निर्णायक दल में विश्व कप की अनुभवी प्रतिभागी शामिल हैं, जैसे सू रेडफर्न (इंग्लैंड), क्लेयर पोलोसाक और एलोइस शेरिडन (ऑस्ट्रेलिया), जैकलीन विलियम्स (वेस्टइंडीज), और किम कॉटन (न्यूजीलैंड), आदि। पोलोसाक, विलियम्स और रेडफर्न अपने तीसरे विश्व कप में भाग लेंगी, जबकि एजेनबैग और कॉटन दूसरी बार भाग लेंगी।
महिला क्रिकेट में ऐतिहासिक रिकॉर्ड
यह आईसीसी अंपायरिंग में सबसे बड़ी महिला अंपायरिंग वाला टूर्नामेंट होगा, जो संयुक्त अरब अमीरात में 2024 के टी20 विश्व कप में बनाए गए पिछले रिकॉर्ड को पाँच सदस्यों से पीछे छोड़ देगा। हालाँकि 2022 के राष्ट्रमंडल खेलों और हाल ही के टी20 विश्व कप में पूरी तरह से महिला पैनल शामिल रहा है, लेकिन वनडे विश्व कप में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।
टूर्नामेंट के लिए वक्तव्य और अपेक्षाएँ
आईसीसी अध्यक्ष जय शाह ने इस घटनाक्रम को "महिला क्रिकेट के इतिहास में एक निर्णायक क्षण" और लैंगिक समानता के प्रति संस्था की प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब बताया। टूर्नामेंट के 13वें संस्करण की शुरुआत भारत और श्रीलंका के बीच मुकाबले से होगी, जबकि मौजूदा चैंपियन ऑस्ट्रेलिया का पहला मैच न्यूज़ीलैंड से होगा। मैच गुवाहाटी, इंदौर, विशाखापत्तनम, नवी मुंबई और कोलंबो में खेले जाएँगे, और फाइनल 2 नवंबर को होगा।