उरुग्वे के कैथोलिक विश्वविद्यालय ने अपने इतिहास में पहली बार लेखाकार एनरिक इग्लेसियस गार्सिया को मानद डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की। यह सम्मान एक भव्य समारोह में प्रदान किया गया, जहाँ इस अर्थशास्त्री ने संस्थान का आभार व्यक्त किया और अपने परिवार, सहकर्मियों और उस देश के प्रति आभार व्यक्त किया जिसने उन्हें शिक्षित किया। इग्लेसियस ने इस बात पर ज़ोर दिया कि यह सम्मान प्राप्त करना उनके लिए अत्यंत संतोष का विषय है और साथ ही, अपनी यात्रा पर चिंतन करने का अवसर भी।
विश्वविद्यालय और उरुग्वे समाज से सीखे गए ज्ञान और मूल्यों से जुड़ा था । उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि कैथोलिक विश्वविद्यालय में बिताया गया उनका समय एक व्यापक शैक्षिक अनुभव था , जो उनके प्रोफेसरों की शिक्षाओं और उनके सहपाठियों की मित्रता से चिह्नित था, जिनमें से कई अब उनके साथ नहीं हैं, लेकिन उनकी स्मृति और स्नेह में बने हुए हैं।
सम्मानित व्यक्ति ने कहा कि ये अनुभव गहन परिवर्तन के दौर से जुड़े थे, और आज दुनिया और भी तेज़ी से बदलाव के दौर से गुज़र रही है। उन्होंने कहा कि समकालीन विश्वविद्यालयों को ज्ञान के उत्पादन और संचरण में अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, उन्हें कई शोध केंद्रों से प्रतिस्पर्धा करनी पड़ रही है और वैज्ञानिक एवं तकनीकी क्रांति का भी उदय हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह गतिशीलता अतीत में अकल्पनीय अवसरों के द्वार खोलती है, लेकिन यह भी माँग करती है कि उच्च शिक्षा संस्थान समाज में अपनी केंद्रीय भूमिका बनाए रखें।
प्रमुख बिंदु:
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उरुग्वे के कैथोलिक विश्वविद्यालय से प्रथम मानद डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई
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उन्होंने संस्थान, अपने परिवार और शैक्षणिक समुदाय को धन्यवाद दिया।
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और देश में प्राप्त प्रशिक्षण
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वह अपने सहपाठियों और शिक्षकों को अपने करियर का एक अनिवार्य हिस्सा मानते थे।
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उन्होंने तकनीकी और वैज्ञानिक क्रांति के समक्ष विश्वविद्यालय की चुनौतियों को उठाया।